ITR Feeling भरते वक्त किन लोगों को चुनना चाहिए Form 1? एक गलती पड़ सकती है भारी

ITR Feeling: कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक है, अनिवार्य रूप से अपना ITR दाखिल करना होगा पुराने टैक्स रिजीम के तहत मूल छूट की हद 60 साल से कम उम्र वालों के लिए 2.50 लाख रुपये है और 60 से 80 साल के बीच के व्यक्तियों के लिए 3 लाख है. यह 80 साल से अधिक उम्र वालों के लिए 5 लाख रुपये है |

ITR Feeling

Income Tax Return: किसी भी व्यक्ति पर चार आयकर रिटर्न ITR Feeling फॉर्म लागू होते हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 (आकलन वर्ष 2023-24) के लिए आयकर रिटर्न ( ITR ) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई 2023 है. आयकर विभाग ने ITR को ऑनलाइन दाखिल करने में सक्षम बनाया है. ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त आपको कौनसा ITR फॉर्म चुनना चाहिए, इसके बारे में विशेष ख्याल की जरूरत है.

आईटीआर किसे दाखिल करना चाहिए?

अगर सभी स्रोतों से आपकी कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको अनिवार्य रूप से अपना ITR Feelingदाखिल करना आवश्यक है. पुराने टैक्स रिजीम के तहत मूल छूट की सीमा 60 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए 2.50 लाख रुपये है और 60 से 80 वर्ष के बीच के व्यक्तियों के लिए 3 लाख है. यह 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए 5 लाख रुपये है. अगर नए टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स दाखिल किया जाना है तो 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता है.

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ITR Feeling

ITR दाखिल करते समय कई आम गलतियों में से एक गलत ITR फॉर्म का उपयोग करना पड़ता है. गलत फॉर्म का उपयोग करने से दोषपूर्ण फाइलिंग हो जाती है जिसे आयकर विभाग के जरिए खारिज कर दिया जाता है. उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चुनाव मुख्य रूप से आपकी आय के स्रोतों पर निर्भर करता है.

आईटीआर फॉर्म

उदाहरण के लिए यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं, तो आप ITR फॉर्म 1 का उपयोग करके रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. लेकिन, यदि आपके पास वेतनभोगी आय और निवेश से पूंजीगत लाभ दोनों हैं, तो आपको ITR फॉर्म 2 का उपयोग करना चाहिए. दूसरी ओर, यदि आप अपने आय स्रोत के रूप में व्यावसायिक लाभ के साथ स्व-रोजगार हैं, तो आपको ITR फॉर्म 3 का उपयोग करके अपना रिटर्न को दाखिल करना चाहिए.

आईटीआर फॉर्म 1

इसे 50 लाख रुपये तक की आय वाले सामान्य निवासी व्यक्ति के जरिए दाखिल किया जा सकता है. इसमें कुल आय में वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय जैसे बैंक खाते से ब्याज आदि शामिल होते हैं.

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